
शुक्रवार, 14 अक्तूबर, 2005 को प्रकाशित
बेशक भूकंप के ज़रिये भगवान ने दोनों मुल्कों में बसे अपने चहेतों को हमसे दूर अपने दरबार में बुला लिया है. मगर अवाम को उनका एक साफ़ संदेश है; अपने आँसुओं के ज़रिये रिश्तों पर जमीं गर्द को धो डालो. शशि सिंह, मुम्बई
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