Monday, June 20, 2005
पसंदीदा किताब कौन सी है?
सोमवार, 20 जून, 2005 को प्रकाशित
कई किताबों ने अलग-अलग ढंग से मुझ पर अपना प्रभाव छोड़ा है. फिर भी मैं कह सकता हूं कि प्रेमचंद की 'गोदान' मेरी पसंदीदा किताब है. प्रेमचंद का हर शब्द मुझे प्यारा है और उनके आदर्शवाद के तो क्या कहने. लेखन में उनकी कोई सीमाएं नहीं थीं लेकिन समाज में एक लेखक की सीमाओं से क्षुब्ध प्रेमचंद ने अपने इस उपन्यास में बिना आदर्शवादी विकल्प के सीधे-सीधे यथार्थ पेशकर मुझे चौंका दिया. यह मेरे प्रिय लेखक की अपने आप से बग़ावत थी जो गाहे-बगाहे मुझे आज भी झकझोरती रहती है. शशि सिंह, मुम्बई
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