Friday, June 03, 2005

किस फ़िल्म ने छोड़ी गहरी छाप

गुरुदत्त की प्यासा
शुक्रवार, 03 जून, 2005 को प्रकाशित
'मदर इंडिया' से मैं सबसे ज़्यादा प्रभावित रहा हूँ. फ़िल्म का कथानक, संवाद, अदाकारी, संगीत या फिर निर्देशन... हर मोर्चे पर यह फ़िल्म बेहतरीन सिनेमा का नमूना तो पेश करती है, मगर यह फ़िल्म मेरे लिए सिर्फ़ सिनेमा न होकर सामाजिक सरोकारों का दस्तावेज़ है. यह फ़िल्म उस दौर में आई जब आज़ाद भारत अपने को एक राष्ट्र रूप में स्थापित करने की जद्दोजहद में लगा था. मेरी नज़र में यह फ़िल्म किशोर राष्ट्र को उम्दा संस्कारों की सीख देने वाली नायाब कलाकृति है. शशि सिंह, मुम्बई

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