Monday, May 09, 2005
बीबीसी हिंदी की पैंसठवीं सालगिरह
सोमवार, 09 मई, 2005 को प्रकाशित ख़बरों की दुनिया में बीबीसी का न तो कभी कोई सानी था न आज है. आज मैं ख़ुद एक पत्रकार हूँ लेकिन बीबीसी का श्रोता और पाठक बने रहने का सुख एक अलग ही अहसास है? हमारे दादाजी के समय शुरू हुआ बीबीसी हिंदी का सफ़र हमारे पोतो-परपोतों और उससे भी आगे की पीढ़ियों तक अनवरत जारी रहे यही मेरी दुआ है. शशि सिंह, मुम्बई
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