Thursday, July 07, 2005
लंदन के विस्फोटों पर प्रतिक्रिया
गुरुवार, 07 जुलाई, 2005 को प्रकाशित
आतंकवादियों की कोई जाति, धर्म, आस्था या राष्ट्र नहीं होता. वे तो भटके हुए ऐसे लोग हैं जो मानवता के लिए भस्मासुर साबित हो रहे हैं. वैसे इन भस्मासुरों को विध्वंस की ये ताक़त कहीं न कहीं इन महादेवों के ही आशीर्वाद से मिला है जो इनकी हरकतों से बिफरे पड़े हैं. शशि सिंह, मुम्बई
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