Friday, December 16, 2005
क्या गांगुली के साथ अन्याय हुआ?
गुरुवार, 15 दिसंबर, 2005 को प्रकाशित
यूँ तो और भी ग़म हैं जमाने में गांगुली के सिवा... पर क्या करें महाराजा का जो ग़म है चर्चे तो होंगे ही. डालमिया राज में गांगुली का बुरे प्रदर्शन के बाद भी बने रहना राजनीति थी और आज पवार के राज में संतोषजनक प्रदर्शन के बाद भी बेआबरू कर टीम से निकाले जाना भी राजनीति ही है. लिहाजा इसमें किसी भी तरह का कोई तर्क ढूंढ़ना बेकार है. तरस आता है गांगुली जैसे उन बेहतरीन खिलाड़ियों पर जो क्रिकेट की राजनीति का शिकार होते हैं. शशि सिंह, मुंबई
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